WHAT IS SUNSCREEN ( SUNSCREEN KYA HAI )
सनस्क्रीन एक प्रकार की त्वचा सुरक्षा कवर के रूप में काम करता है। यह आपकी त्वचा को खतरनाक अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाता है। ये अल्ट्रा वायलेट किरणें टैनिंग, लालिमा और इरिटेशन का कारण बनती हैं
सनस्क्रीन में मौजूद ऑक्सीबेन्जॉन, होमोसैलेट, ऑक्टीनोक्सेट, जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम ऑक्साइड जैसी सामग्री सनबर्न, सन टैनिंग, रिंकल्स, फाइन लाइन्स के साथ स्किन कैंसर जैसी समस्याओं से भी आपकी त्वचा को बचाती है। वैसे तो घर से बाहर निकलते समय अपनी त्वचा को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए लोग सनस्क्रीन लगाते हैं, लेकिन सनस्क्रीन का सही इस्तेमाल करना तो दूर लोगों को इससे होने वाले फायदों की भी जानकारी भी नहीं होती। आप कितने भी अच्छे ब्रैंड का सनस्क्रीन क्यों न लगाते हों, लेकिन जब तक आपको इसे लगाने का सही तरीका नहीं पता, तो यह आपकी त्वचा पर बेअसर साबित होगा।
सनस्क्रीन में एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर होता है। यह सूरज की किरणें से आपकी स्किन की सुरक्षा करने में आपके सनस्क्रीन की स्किल को मापता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी स्किन को बर्न होने में अमूमन 10 मिनट लगेंगे, तो एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन आपको 5 घंटे (10 को 30 से गुना करेंगे तो 300 मिनट यानी 5 घंटे) तक सूरज की किरणों से सुरक्षित रखेगा । हालांकि, डर्मेटोलॉजिस्ट का मानना है कि हर दो घंटे पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
सनस्क्रीन चुनने से पहले ध्यान देने योग्य बातें - Things To Consider Before Choosing A Sunscreen
हम सब सनस्क्रीन ले लेते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि हमारी स्किन को कौन सी सनस्क्रीन सूट करेगी। इसलिए जरूरी है कि हम सनस्क्रीन खरीदते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें –
एसपीएफ नंबर
सनस्क्रीन लेने से पहले एसपीएफ नंबर पर जरूर ध्यान दें। इससे यह पता चलेगा कि वह कितनी देर तक सूरज से आपकी स्किन की सुरक्षा करेगा।
अगर आप लंबे समय के लिए घर से बाहर रहते हैं, तो आपको ज्यादा एसपीएफ वाले सनस्क्रीन को लेना चाहिए, जैसे एसपीएफ 50। अगर आप सिर्फ उतनी देर ही बाहर रहते हैं, जितनी देर घर से ऑफिस जा रहे हैं, तो आपको कम एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लेना चाहिए।
डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह रहती है कि आपको कम से कम एसपीएफ 15 वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
पैच टेस्ट
सनस्क्रीन को अपने चेहरे पर लगाने से पहले पैच टेस्ट करना सही रहता है। अगर आपकी स्किन पर खुजली हो रही है, या लाल सा हो गया है तो उस सनस्क्रीन को आगे बिल्कुल न लगाएं।
अपनी त्वचा के प्रकार के आधार पर सनस्क्रीन कैसे चुनें? – How To Choose A Sunscreen Based On Your Skin Type?
रूखी त्वचा – Dry Skin
ड्राई स्किन को पूरी तरह से हाइड्रेट करके रखना पड़ता है। इसलिए, ऐसे सनस्क्रीन को चुनिये जिसमें मॉइस्चराइजिंग एलीमेंट हों। एसपीएफ 30 से 50 के बीच वाले क्रीम या लोशन युक्त सनस्क्रीन ड्राई स्किन वालों के लिए सही रहते हैं। यह आपकी स्किन को सूरज की किरणों से होने वाले डैमेज से बचाता है और साथ ही इसे सॉफ्ट एवं स्मूद बनाता है। मिनरल और फिजिकल सनस्क्रीन भी ड्राई स्किन पर अच्छे से काम करता है।
तैलीय त्वचा – Oily Skin
ऑइली स्किन फेस वॉश के बाद भी हमेशा चिपचिपी महसूस होती है और चमकती रहती है। इसका यह मतलब है कि आपके सेबैशियस ग्लैन्ड जरूरत से ज्यादा सीबम का निर्माण करते हैं। चूंकि आपकी स्किन पहले से ऑइली है, तो आपको नॉन ग्रीजी, लाइट वेट और मैट फिनिश वाले केमिकल सनस्क्रीन की जरूरत है। अगर आप हेवी या ग्रीजी सनस्क्रीन को अपनी स्किन पर लगाएंगे, तो आपके स्किन के रोम छिद्र अतिरिक्त तेल की वजह से ब्लॉक हो सकते हैं।
संवेदनशील त्वचा – Sensitive Skin
सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को फिजिकल सनस्क्रीन लगाना चाहिए, जिसमें टाइटेनियम डायऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड जैसे इनग्रेडिएन्ट होते हैं। ये इनग्रेडिएन्ट हल्के होते हैं और इनका आपकी स्किन पर किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। साथ ही, ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें, जिनमें पैराबेन या ऑक्सीबेंजोन हों, ताकि स्किन रैश और इरिटेशन से बचा जा सके।
सामान्य त्वचा – Normal Skin
जिन लोगों की स्किन नॉर्मल होती है, वे किसी भी तरह के सनस्क्रीन का इस्तेमाल अपनी स्किन पर कर सकते हैं। हालांकि, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि केमिकल की जगह पर फिजिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आगे भी स्किन में किसी तरह का कोई इरिटेशन न हो।